
Fulmukteswer Mahadev Mandir Hotigav
फुलमुक्तेश्वर महादेव मंदिर होथीगाव
फुलमुक्तेश्वर महादेव मंदिर जालौर जिले के सांचौर तहसील से 34 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में आया हुआ है इस शिवलिंग पर अपने आप गाय के स्तनों से दूध टपकता था।
होथीगाव के शिव मंदिर का इतिहास जितना पुराना है उतना ही चमत्कारी है इस इतिहास को हजारो साल पुराना बताया जा रहा है जहा पर इस समय शिव मंदिर है वहा पर हजारो साल पहले कुछ नही था केवल जंगल था जंगलो में गाय चराने के लिए चरवाहा आया करते थे इतिहास में सुनने को मिलता है की वहा जंगल में एक नाग देवता की तस्वीर पत्थर पर हुआ करती थी जिस पर गाय खड़ी रहती थी गाय से अपने आप स्तन से दूध नाग देवता की तस्वीर पर गिरता था।
आसपास के लोगो को जब ग्वालो ने इसके बारे में बताया तो ग्रामीण को बड़ा आश्रय हुआ ग्वालो के साथ ग्रामीण भी गायो के पीछे पीछे चल पड़े गाय हर रोज पत्थर पर जाकर खड़ी हुई और गायो के स्तनों से अपने आप दूध निकलने लगा इसे ग्रामीण चमत्कार मानते हुए भगवान शिव की पूजा करने लगे, होथीगाव के शिव मंदिर को लेकर चमत्कार से जुडी मान्यता यह भी है की इस जंगल वाले स्थल को हजारो साल पहले हसनापुर के नाम से जाना जाता था।
जहां पर घी-दूध की नदिया बहती थी बड़ी आस्था के साथ लोग महादेव की पूजा करने दूर-दूर से आते थे इसके बाद महादेव का शिवलिंग प्रकट हुआ इसके बाद होथीगाव में शिव मंदिर बना तथा आज भी होथीगाव में भव्य शिव मंदिर बना हुआ है एवं शिवरात्रि के दिन गुजरात व राजस्थान से लाखो लोग दर्शन करने के लिए आते है।
फुलमुक्तेश्वर महादेव से जो लोग मन्नत रखते है वह पूरी होती है।
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